हरियाणा में राष्ट्रीय आंदोलन सन् 1886 से 1947 ई. | हरियाणा महत्वपूर्ण GK questions pdfharyana

हरियाणा में राष्ट्रीय आंदोलन सन् 1886 से 1947 ई. हरियाणा महत्वपूर्ण GK questions pdfharyana

Haryana GK questions pdf haryana

1886 ई. अम्बाला राष्ट्रीय आंदोलन की शाख

1886 ई. में रायबहादुर मुरलीधर के प्रयास से अम्बाला में कांग्रेस की एक शाखा स्थापित हुई।

सन् 1887 ई.हिसार में कांग्रेस की नीव

सन् 1887 ई.हिसार में कांग्रेस की नीव लाला लाजपतराय ने मुरलीधर के इस प्रयास को सार्थक बनाने के लिए 1887 ई. में हिसार में कांग्रेस की नींव डाली।

सार्वजनिक सभा रोहतक

12 अक्टूबर, 1888 ई. को रोहतक में कांग्रेस की पहली सार्वजनिक सभा हुई। सभा की अध्यक्षता सुबाजखां ने की।

9 मई 1907 ई.

लाजपत राय की बढ़ती हुई राजनीतिक लोकप्रियता को ध्यान में रखकर पंजाब के उपराज्यपाल डेन्जिल इन्टसन के संकेत पर भारत के वायसराय मिन्टो ने उन्हें 9 मई, 1907 ई. को देश से निर्वासन का आदेश देकर मान्डले (म्यांमार) भेज दिया।

1909 ई. पंजाब विधानसभा सदस्य

1909 ई. में मिन्टो मार्ले सुधार के अधीन रोहतक, गुड़गांव व हिसार के जिला बोर्ड तथा कमेटियों की वोट से पंजाब विधान सभा के लिए एक सदस्य चुने जाने की अनुमति दी गई।

करनाल और अंबाला

करनाल और अंबाला जिलों को शिमला के साथ जोड़कर सदस्यता निश्चित हुई।

सन् 1917 सैनिक भर्ती

1917 में हरियाणा में नेकीराम शर्मा, तिलक की होमरूल लीग के सदस्य थे, उन्होंने सैनिक भर्ती का विरोध किया था।

6 अप्रैल 1919 ई. गांधी जी का हरियाणा दौरा

6 अप्रैल, 1919 ई. को स्वामी श्रद्धानन्द एवं अन्य नेताओं के निमन्त्रण पर गांधीजी हरियाणा के दौरे के लिए बम्बई से चले तथा 10 अप्रैल को पलवल पहुंचे तो सरकार ने उन्हें गिरफ्तार करके बम्बई जाने वाली गाड़ी में बैठा दिया। रोहतक में क्रांतिकारियों का सन्देश नाम से पोस्टर लगाए गए।

हरियाणा जन आंदोलन

हरियाणा के अंबाला करनाल, गुड़गांव, झज्जर, रोहतक, भिवानी और हिसार के अनेक मुस्लिम नेताओं ने खिलाफत कमेटियों का गठन करके जन आन्दोलन चलाया।

1920 ई. हरियाणा में पहली राजनीतिक सभा

हरियाणा के पानीपत नगर में अक्टूबर 1920 ई. में पहली राजनीतिक सभा हुई जिसका आयोजन लका उल्लाह खां ने किया।

हरियाणा में फरवरी 1921ई. गांधी जी का दौरा

फरवारी 1921 ई. में लाजपतराय कस्तूरबा मौलाना आजाद प्यारेलाल और जमनादास बजार के साथ गांधी जी ने हरियाणा का दौरा किया। गांधीजी ने वैश्य हाई स्कूल, रोहतक की नींव रखी।

आंदोलन में स्त्रियों की भागीदारी

अंबाला में लाला दुनीचन्द की पुत्रियों विद्यावती यशोदा और जमना ने इस आन्दोलन में भाग लेकर, स्त्रियों की भागीदारी अदा की।

रोहतक 1929 सभा

मार्च, 1929 में रोहतक में हुई एक सभा की अध्यक्षता मोतीलाल नेहरू ने की थी।

कृषक और मजदूर सम्मेलन

10 मार्च, 1929 को रोहतक में कृषक और मजदूर सम्मेलन का आयोजन अर्जुनलाल सेठी ने किया था।

हरियाणा सन् 1937 ई. में प्रांतिय चुनाव

1937 ई. में प्रान्तों में चुनाव हुए जिसमें यूनियनिस्ट पार्टी को विजय मिली। इस समय हरियाणा, पंजाब का भाग था। यहां यूनियनिस्ट नेता सिकन्दर हयात के नेतृत्व में सरकार बनी।

आजाद हिंद फौज में भागीदारी

हरियाणा से आजाद हिन्द फौज में 398 अफसर व 2,317 सैनिकों का योगदान था जिनमें 346 शहीद हुए।

जींद रियासत

जींद रियासत में प्रजामण्डल आन्दोलन 1940 ई. में आरम्भ हुआ। होरासिंह चिरानियाने प्रजामण्डल के आन्दोलन का नेतृत्व किया।

प्रजामंडल की स्थापना

1942 ई. के बाद पटौदी रियासत की जनता ने प्रजामण्डल की स्थापना करके, यहां के नवाब के विरुद्ध आन्दोलन प्रारम्भ किया। इस आन्दोलन के नेता गौरीशंकर वैद्य थे।

दुजाना रियासत

दुजाना 24 गांवों को एक छोटी सी रियासत थी। यहां 1945 ई. में प्रजामण्डल बना। नवम्बर 1946 ई. में तीव्र आन्दोलन चलाया गया।

नाभा रियासत

महेन्द्रगढ़ के कुछ क्षेत्र चावल, कनौना और अटेली, उस समय नाभा रियासत में थे। इन क्षेत्रों के लोग प्रशासन की कारगुजारी से तंग थे। 15 अगस्त, 1947 को भारत स्वतन्त्र हुआ हरियाणा उस समय पंजाब प्रान्त का हिस्सा था।

Read more… Daily Current Affairs Most Important Questions

ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा छीनी गई रियासतें व उनके कारण?

  • रादौर (1828) राजा दल सिंह की विधवा सरदारनी इन्द्र कौर की मृत्यु के कारण।
  • दियालगढ़ (दया कौर का हिस्सा) (1829) राजा भगवान सिंह की विधवा माई दया कौर को मृत्यु के कारण।
  • बुफोल (1838) राजा हरनाम सिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण।
  • कैथल रियासत 1843 में भाई उदय सिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण।
  • चलाड़ी (1844) सरदार भागल सिंह की विधवा सरदारनी राम कौर की मृत्यु के कारण।
  • हलाहर(1850) राजा फतेह सिंह की बिना उत्तराधिकारी के मृत्यु के कारण।
  • दिवालगढ़ (माई सुखन का हिस्सा) (1851) राजा भगवान सिंह की विधवा माई सुखन की मृत्यु के कारण।

Notes: Important information

The sole goal of our website is to give you information about jobs. We don’t send or receive any form of cellphone calls or messages.

All of you are kindly urged to read the Official notice in its entirety before filling out the form; however, from our side, all the information has been thoroughly reviewed; if there is still any error, then you contact us through email.

Latest Jobs, Exam Resutls, Sarkari Naukari, employment news pdf, Daily Current Affairs, GK Notes pdf डेली करेंट अफेयर्स के लिए हमारे साथ जुड़े रहें। हम आपके लिए हर रोज इस वेबसाइट पर हिंदी में करेंट अफेयर्स और जोब से जुड़ी जानकारियां और पोस्ट लेकर आते रहते हैं। Daily Current Affairs Jobs, Exam’s Current Affairs Pdf Download करने के लिए हमारे टेलीग्राम ग्रुप t.me/pdfharyana को Join ज़रुर करें।

1 thought on “हरियाणा में राष्ट्रीय आंदोलन सन् 1886 से 1947 ई. | हरियाणा महत्वपूर्ण GK questions pdfharyana”

Leave a Comment